Sona Chandi Bhav: सोने की कीमतें एक बार फिर तेजी से बढ़ने की ओर इशारा कर रही हैं। अभी सोना ₹98,000 के पार कारोबार कर रहा है और एक लाख के आंकड़े तक पहुंचने के लिए सिर्फ 2,000 रुपये से भी कम की बढ़त की जरूरत है। हाल ही में सोने की कीमतें (Sona Chandi Bhav) ₹1,00,000 प्रति 10 ग्राम से ऊपर निकल गई थीं, लेकिन अचानक ₹3,000 की गिरावट ने इसे नीचे ला दिया।
अमेरिका-चीन तनाव से फिर चमका गोल्ड, क्यों दिखा उछाल Sona Chandi Bhav
सोने की कीमतों में पिछली तेजी की बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच बढ़ा हुआ तनाव था। वहीं कीमतों में गिरावट इस संकेत से आई कि दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है। लेकिन अब चीन की नई टिप्पणी ने फिर से बाज़ार को अस्थिर कर दिया है। चीन ने कहा है कि अमेरिका से कोई बातचीत नहीं चल रही है और एकतरफा टैरिफ खत्म होना चाहिए, जिससे बाजार में फिर से अनिश्चितता पैदा हो गई है।
निवेशकों का रुझान गोल्ड की ओर Sona Chandi Bhav
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा कि टैरिफ में कुछ कटौती की जाएगी, लेकिन वह पूरी तरह से खत्म नहीं होंगे। दूसरी ओर चीन पूरी तरह से टैरिफ हटाने की मांग पर अड़ा है। इससे व्यापारिक समझौते की संभावना कमजोर होती दिख रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, बाजार फिलहाल पूरी तरह यूएस-चीन ट्रेड वॉर पर केंद्रित है, और इस माहौल में सोना एक बार फिर सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जा रहा है।
भारत में सोने की मौजूदा कीमत क्या है?
आज का गोल्ड रेट (24 अप्रैल 2025): भारत में 24 कैरेट सोना ₹98,230 प्रति 10 ग्राम के भाव पर मिल रहा है। यह दो दिनों की गिरावट के बाद फिर से मजबूत हुआ है। इससे पहले यह कीमत 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर चुकी है।
क्या-क्या चीजें प्रभावित करती हैं सोने की कीमतें?
भारत में सोने के दाम केवल डिमांड और सप्लाई से तय नहीं होते, बल्कि अंतरराष्ट्रीय घटनाएं, विदेशी मुद्रा विनिमय दर और अन्य वित्तीय संकेतकों से भी प्रभावित होते हैं। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट, कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स और वैश्विक राजनीति का भी सीधा असर सोने की चाल पर पड़ता है।
गोल्ड की कीमत कौन तय करता है?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा सोने की कीमत यूएस डॉलर में तय की जाती है। यह वैश्विक स्तर पर मान्य बेंचमार्क है, जिसका उपयोग बैंक और बुलियन व्यापारी करते हैं। भारत में इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) इस अंतरराष्ट्रीय कीमत में आयात शुल्क और टैक्स जोड़कर यह निर्धारित करता है कि खुदरा व्यापारी सोना किस रेट पर खरीदें और बेचें।