Haryana Police: हरियाणा के गृह विभाग ने प्रदेशवासियों को एक सुरक्षित और बेहतर वातावरण देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में राज्य स्तरीय अधिकार प्राप्त समिति की बैठक में गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमित्रा मिश्रा की अध्यक्षता में पुलिस बल के आधुनिकीकरण की राज्य कार्यकाल योजना की समीक्षा की गई। इस बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए कई अहम फैसले लिए गए।
पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर जोर
डॉ. सुमित्रा मिश्रा ने कहा कि अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस बल का आधुनिक तकनीक से लैस होना बेहद जरूरी है। इसी सोच के तहत समिति ने 22.09 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। इस धनराशि से पुलिस विभाग को नई तकनीक और उन्नत उपकरणों से लैस किया जाएगा ताकि अपराधियों पर लगाम कसी जा सके और जनता को सुरक्षित माहौल मिल सके।
उन्नत हथियार और उपकरणों की खरीद होगी
नई योजना के तहत पुलिस विभाग को पिस्तौल और सीक्यूबी (क्लोज क्वार्टर बैटल मशीन गन) जैसे अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा छवि और वीडियो संवर्द्धन सॉफ्टवेयर, फेस रिकॉग्निशन सॉफ्टवेयर और संबंधित डिवाइस भी खरीदी जाएंगी। इन अत्याधुनिक उपकरणों की मदद से पुलिस की जांच और अपराध रोकने की क्षमता में काफी सुधार आएगा।
तकनीकी मार्गदर्शन के लिए डोमेन विशेषज्ञ होंगे तैनात
उपकरणों के सही और प्रभावी उपयोग के लिए तकनीकी मार्गदर्शन भी सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों के डोमेन विशेषज्ञों को तैनात करने का फैसला लिया गया है। विशेषज्ञों की मदद से पुलिस बल न केवल आधुनिक उपकरणों का सही इस्तेमाल कर पाएगा बल्कि नए अपराध तकनीकों से भी मुकाबला कर सकेगा।
13 जिलों में एनालॉग से डिजिटल टेलीकॉम सिस्टम में बदलाव
बैठक में एक और बड़ा निर्णय लिया गया कि राज्य के 13 जिलों में पुलिस के एनालॉग टेलीकॉम इंस्ट्रूमेंट्स को डिजिटल टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम से बदला जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इस बदलाव से पुलिस संचार व्यवस्था और मजबूत होगी और ऑपरेशन्स अधिक प्रभावी बनेंगे।
150 करोड़ रुपये की योजना के पहले चरण पर तेजी से काम
डॉ. सुमित्रा मिश्रा ने निर्देश दिए कि बजट में घोषित पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए 150 करोड़ रुपये की योजना के पहले चरण को प्राथमिकता के आधार पर धरातल पर उतारा जाए। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी इस योजना पर अमल होगा, उतनी जल्दी प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के लिए भी बनेंगे नए प्रस्ताव
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि प्रदेश में फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं (Forensic Science Labs) के आधुनिकीकरण के लिए अलग से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। इससे अपराधों की जांच प्रक्रिया को और अधिक वैज्ञानिक और तेज बनाया जा सकेगा, जिससे न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सुधार होगा।
लॉन्ग टर्म सुधार के लिए बनेगी टास्क फोर्स
बैठक में एक अहम सुझाव यह भी आया कि पुलिस बल में भविष्य की जरूरतों के अनुसार लॉन्ग टर्म संरचनात्मक बदलावों के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए। इस टास्क फोर्स को एक महीने के भीतर सुझाव और प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। यह टास्क फोर्स पुलिस बल को आधुनिक बनाने के दीर्घकालिक दृष्टिकोण से रणनीति तैयार करेगी।
जनता के लिए क्या होगा फायदा ?
- अपराधों पर नियंत्रण और अपराधियों की जल्द गिरफ्तारी
- आपात स्थितियों में तेजी से पुलिस रिस्पांस
- डिजिटल और तकनीकी आधार पर अधिक सुरक्षित संचार व्यवस्था
- फोरेंसिक जांच में तेजी और सटीकता
- आम जनता के बीच कानून व्यवस्था पर बढ़ा विश्वास